यह भी शिक्षा क्षेत्र से ही जुड़ा प्रकल्प है। वैसे कल्याण आश्रम की स्थापना ही एक छात्रावास के द्वारा हुई थी और किसी भी व्यक्ति हम उसी के माध्यम से कल्याण आश्रम का काम दिखा सकते है। आज हम देश में 238 छात्रावासों का संचालन कर रहे है। इसमें 48 छात्रावास बालिका छात्रावास है। कुल 7320 बालक, बालिकाएँ इन छात्रावासों में अध्ययन कर रहे है। आज कई ग्रामीण वनवासी कार्यकर्ता अपना परिचय देते समय – ‘मैं कल्याण आश्रम के छा़त्रावास में पढ़ा हुँ ऐसा कहते है।’ अर्थात यह कार्यकर्ता देनेवाला प्रकल्प है। शिक्षा के साथ संस्कार देने की व्यवस्था है।
विशेष: सुदूर उत्तर – पूर्वांचल के ग्रामीण क्षेत्र के कई बालक अध्ययन हेतु देश के विभिन्न नगरों में चल रहे छात्रावासों में आकर पढ़ाई करते है। उनके के लिये चल रहा यह एक अनोखा प्रकल्प है। इसमें शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय एकात्मता की भावना को हम दृढ करते है।