‘खेलो इण्डिया’ में देश का भविष्य है – किरण रिजीजू

गुवाहाटी में वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित राष्ट्रीय जनजाति खेल महोत्सव का रंगारंग समापन

21वे राष्ट्रीय खेल महोत्सव का सोनापुर, गुवाहाटी के लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय खेल प्रशिक्षण संस्थान में केन्द्रीय गृहराज्य मंत्राी किरण रिजीजू की उपस्थित में रंगारंग समापन हुआ। इसमें 33 प्रांतों से 844 जनजाति खिलाड़ियों ने अपनी सहभागीता जताई। हज़ारों नागरिकों और खिलाड़ियों की उपस्थिति से खेल परिसर में उत्साह था।

समारंभ के मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृहराज्य मंत्राी किरण रिजीजू ने अपने संबोध्न में कहा कि खेल के प्रति समाज की सोच बदलेगी तो ख्ेाल की गुणवत्ता भी बढ़ेगी और भारत आॅलम्पिक में आज जितने पदक ला रहा है उससे अध्कि पदक मिलना शुरू होगा। मुझे विश्वास है कि जनजाति खिलाड़ियों में कौशल है उन्हें प्रशिक्षण मिलेगा तो वे देश का गौरव बढ़ायेंगे। देश के ‘खेलो इण्डिया’ में देश का भविष्य है।
प्रारम्भ में मंच पर उपस्थित महानुभावों ने दीप प्रज्वलन व भारत माता पूजन किया और डिमासा जनजाति के कार्यकर्ताओं द्वारा परम्परागत रूप में प्रार्थना हुई। राभा और तिवा दो जनजाति नृत्य ने समारम्भ का वातावरण आनंद से भर दिया और तीरंदाजी के प्रात्यक्षिक में स्वयं केन्द्रीय मंत्राी किरण जी ने सहभागी होकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।


खेल महोत्सव के समापन समारम्भ के मंच पर वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष माननीय जगदेवराम उरांव, स्पोर्ट आॅथरिटी आॅपफ इण्डिया के डायरेक्टर डाॅ. सुभाष बासुमतारी ;गुवाहाटीद्ध, अंतर्राष्ट्रीय अॅथेलिट पाखिला इंतिपी ;कारबियोंगलोंग-असमद्ध, जनजाति ध्र्म-संस्कृति सुरक्षा मंच के अध्यक्ष जलेश्वर ब्रह्म ;गुवाहाटीद्ध और वनवासी कल्याण आश्रम के केन्द्रीय पदाध्किारी गण उपस्थित थे। इस समारम्भ में विजेता खिलाड़ियों को पदक देकर सम्मानित किया गया जिसमें 26 पदकों के साथ असम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। अंत में किरण रिजीजू के हाथों इस खेल महोत्सव का ध्वजावतरण और वनवासी कल्याण आश्रम की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा श्रीमति निलिमा पट्टे द्वारा महोत्सव के पूर्णाहुति की घोषणा कि गई।
दिनांक 27 दिसम्बर 18 को उद्घाटन समारम्भ में वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष जगदेवराम उरांव के साथ असम के मुख्यमंत्राी सर्वानंद सोनोवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने यह खेल महोत्सव, गुवाहाटी में आयोजित करने हेतु प्रसन्नता व्यक्त की। उद्घाटन समारम्भ में नागा और बोडो जनजाति के युवकों ने अपने पारम्पारिक कुस्ती का प्रदर्शन किया।
अपनी व्यस्तता के बीच केन्द्रीय रेल मंत्राी पियुष गोयल भी 29 दिसम्बर केा जनजाति खिलाड़ियों केा मिलने पधरे और राँची के खेल महोत्सव से लेकर कई पुरानी कई बातों को याद किया।
तीन दिन चले इस जनजाति खेल महोत्सव में विभिन्न आयु गट में एॅथेलेटिक्स जैसे के दौड़, लम्बीकूद, गोला पफैंक के साथ तीरंदाजी का आयोजन हुआ। 21 और 14 कि.मी. मैरेथोन दौड़ का भी आयोजन किया गया। खेल आयोजन में भारतीय खेल प्राध्ीकरण ;साईद्ध के अध्किारी तथा स्थानीय खेल जगत के जानकार व्यक्तियों का बहुत अच्छा सहयोग मिला। 50 तीरंदाजों का खेलों इण्डिया एकडेमी के लिये चयन भी हुआ।

आयोजकों ने खेल परिसर में एक आकर्षक प्रदर्शनी का आयोजन किया था और इस निमित्त परम्परागत खेलों की जानकारी देने वाली ‘लक्षवेध्’ स्मारिका का प्रकाशन भी हुआ। तीनों दिन सायंकाल सांस्कृतिक संध्या में जनजाति कला का प्रदर्शन हुआ। 29 दिसम्बर 18 सायंकाल गुवाहाटी के 400 से अध्कि परिवारों की उपस्थिति में मातृहस्ते भोजन का आयोजन किया था। राष्ट्रीय एकात्मता का पुष्ट करने वाले इस कार्यक्रम में अरूणाचल के मुख्यमंत्राी पेमा खाण्डु ने स्वयं गुवाहाटी से पधरे एक परिवार के साथ भोजन किया।
गुवाहाटी के नागरिकों तथा संस्थाओं ने भी इस जनजाति खेल प्रतियोगिता के आयोजन में आर्थिक सहयोग से लेकर विविध् प्रकार का सहयोग दिया। आयोजकों ने सबके सहयोग के लिये ध्न्यवाद दिये। प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के सहयोग के लिये भी आयोजकों ने आभार प्रदर्शित किये।

 

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