मेरे वनवासी है महान (2)
जो देश धर्म संस्कृति रक्षक
मूर्त रूप में स्वाभिमान
मेरे वनवासी है महान । धृ.।।
जब जन-जन पर संकट आएँ
प्रत्येक धनुष से तीर चलें
प्रत्येक युवक तिलका मांझी बन
संघर्षों में कूद पडे़
ना हार मानी, लढ़ना जाने (2)
इतिहास कहे रहा बार-बार ।। 1।।
मेरे वनवासी है महान ….
पूंजा राणा जो साथ लढे़
टंट्या मामा दिन-रात लढे़
सिद्धू-कान्हू का शौर्य अमर
बिरसा अपने भगवान बने
ये प्रेरक जीवन गाथाएँ (2)
ले चले आज हम गाँव-गाँव ।। 2।।
मेरे वनवासी है महान …
उस त्याग शौर्य के जीवन को
हृदयों में अंकित हम करते
हम अनुगामी हम कार्यप्रवर
कंटक पथ पर हम चलते
उन वीरों की पावन स्मृति को (2)
वंदन करते बार-बार ।। 3।।
मेेरे वनवासी है महान ….(2)