शारदे वर दे ! हमें करूणामयी आशिष दे।
शारदे वर दे ! हमें करूणामयी आशिष दे।
भवबन्ध के मुक्ति मिले माता हमें तू ज्ञान दे ।।धृ.।।
हंसासिनी पद्मासिनी
हे वीणावादिनी शारदे
शुभ्रवस्त्राधारिणी माता
हमें तू स्नेह दे ।। 1।।
ध्येय पथ के हमे है साधक
विनति कर कर जोड़ के
दी जो विद्या ज्ञान गुणनिधि
आज तेरे द्वार पे ।। 2।।