हिन्दू विचार का हो
सम्यक् समूह मंथन
निज कार्य का करे हम
समयानुकूल चिंतन ।। धृ।।
चिंतन परम्परा का ये मार्ग है पुराना
आचार्य संत ऋषिगण आदर्श है हमारा
जिस मार्ग पर चले हम आधार हिन्दू दर्शन ।। 1।।
समयानुकूल चिंतन (2)
देखें अतीत में हम हो कार्य की समीक्षा
है योग्य मार्ग अपना विश्वास है सभी का
रूकना नहीं हमें है गतिशीलता है जीवन ।। 2।।
समयानुकूल चिंतन (2)
नूतन विचार करना कल्पक रहे सदा हम
चैतन्ययुक्त मन हो कृृतिशील हो सदा हम
निश्चित विजय हमारी बढ़ते रहें सदा हम ।। 3।।
समयानुकूल चिंतन (2)