Governing Body Details

Shri Satyendra Singh​

हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष

अपनी आयु के 60 वर्ष पूर्ण कर रहे कल्याण आश्रम के नूतन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्येंद्र सिंह जी 40 वर्ष से सामाजिक जीवन में सक्रिय है। शिशु काल से ही संघ के स्वयंसेवक बने सत्येंद्र सिंह जी का जन्म 19 अगस्त 1964 को झारखंड के लातेहार जिले में ग्राम मांजर में हुआ। शालेय शिक्षा मांजर और लातेहार में पूर्ण करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए गुमला आए। यहां कल्याण आश्रम के वाल्मीकि छात्रावास में रहकर उन्होंने बीएससी तक पढ़ाई की। शिक्षा के बाद 85 से 90 इस कालावधि में वे संघ के प्रचारक रहे।1994 से कल्याण आश्रम के पूर्णकालिन कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने कार्य प्रारंभ किया। एकल विद्यालय के संच प्रमुख से लेकर विभाग संगठन मंत्री, झारखंड प्रांत सह संगठन मंत्री, प्रांत संगठन मंत्री और अखिल भारतीय उपाध्यक्ष का दायित्व निभाने के बाद वर्तमान में सत्येंद्र सिंह जी पर कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व आया है।

एक छोटे से जनजाति गांव में जन्म लेकर अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम जैसे देश के विशाल सामाजिक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दायित्व तक पहुंचने वाले सत्येंद्र सिंह जी वैसे दिखने में एक सामान्य दिखते हैं, लेकिन विभिन्न गुणोंसे युक्त एक अद्भुत प्रतिभा इस छोटे से कद वाले व्यक्तित्व में हमें दिखाई पड़ती है। संघ – कल्याण आश्रम के विचारों की स्पष्टता, अपनी कार्य पद्धति पर अटूट विश्वास, अपने विचारों को स्पष्ट और प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने की अद्भुत शैली, प्रखर अध्ययन और आकलन शक्ति, शांत, सरल, निष्कपट स्वभाव ऐसे अनेक दैवी गुणों से युक्त सत्येंद्र सिंह जी का व्यक्तित्व है।

Shri Hira Kumar Nagu

डॉ. हीरा कुमार नागु का जन्म 3 जनवरी 1954 को हुआ। वर्तमान में उनकी आयु 71 वर्ष है। उन्होंने एम.एससी., एल.एल.एम., पीएच.डी. एवं मानवाधिकार में पी.जी.डी. की उपाधियाँ प्राप्त की हैं। उनका पता है –  सिकंदराबाद, हैदराबाद । संपर्क हेतु  ईमेल आईडी – drhknagu@gmail.com

डॉ. नागु 2001 से लेकर अब तक अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम में उपाध्यक्ष (Vice President) के रूप में सक्रिय हैं। इसके साथ ही वे तेलंगाना प्रांत वनवासी कल्याण परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने तेलंगाना प्रांत सेवा भारती के उपाध्यक्ष के रूप में भी 2020 तक कार्य किया।

व्यावसायिक जीवन में डॉ. नागु तेलंगाना उच्च न्यायालय, हैदराबाद में अधिवक्ता हैं और पूर्व में आंध्र प्रदेश के अतिरिक्त श्रम आयुक्त के रूप में कार्य कर चुके हैं। वे तेलंगाना राज्य के अनुसूचित जनजाति जाँच आयोग के सदस्य रहे हैं तथा सोसाइटी फॉर सोशल अकाउंटेबिलिटी, ऑडिट एंड ट्रांसपेरेंसी, तेलंगाना के सदस्य के रूप में भी समाज के प्रति अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।

Shri Techi

श्री

श्री योगेश श्रीधर बापट

Shri Yogesh Bapat ​

श्री योगेश श्रीधर बापट का जन्म 2 जनवरी 1964 को महाराष्ट्र के अकोला में हुआ। उन्होंने बी.कॉम एवं एल.एल.बी. की शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में वे अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, मु.पो. जशपुर, जिला जशपुर (छत्तीसगढ़) में कार्यरत हैं।

वे वर्ष 2015 से वनवासी कल्याण आश्रम के कार्य से जुड़े हुए हैं और पिछले 10 वर्षों से निरंतर जनजाति क्षेत्र में समर्पित रूप से कार्य कर रहे हैं।
संपर्क ईमेल: ysbapat2@gmail.com

Shri Vishnu Kant ​

श्री 

श्री रामेश्वर राम भगत

Shri Rameshwar Ram Bhagat ​


श्री रामेश्वर राम भगत का जन्म 11 जून 1969 को गांव आराकोना, पोस्ट भीमसेला, जिला जशपुरनगर (छत्तीसगढ़) में हुआ।
उन्होंने इतिहास विषय में एम.ए. की उपाधि प्राप्त की है।
संपर्क ईमेल: rsbhagat19@gmail.com

श्री भगत जी सन् 1983 से वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े हुए हैं और निरंतर जनजातीय समाज के उत्थान, शिक्षा, एवं सांस्कृतिक जागरण के कार्यों में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। उनका जीवन समाजसेवा, संगठन और राष्ट्रभावना के प्रति समर्पित है।

Mahesh Modi

Shri Mahesh Modi​

महेश कुमार मोदी जी का जन्म 18 सितम्बर 1958 को पश्चिम बंगाल के रानीगंज नगर में एक राजस्थानी (झुनझुनू) परिवार में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा रानीगंज में प्राप्त करने के बाद उन्होंने वाणिज्य (Commerce) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात् कोलकाता में सीए (Chartered Accountancy) की पढ़ाई पूर्ण की और प्रैक्टिस प्रारंभ की। पेशेवर क्षेत्र में उन्होंने DISA एवं CSR का सर्टिफिकेशन कोर्स भी पूरा किया।

सामाजिक जीवन में महेश कुमार मोदी जी 1991 में वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े। उन्होंने कोलकाता महानगर में संगठन मंत्री एवं मंत्री के रूप में कार्य किया। तत्पश्चात् पूर्व क्षेत्र के नगरीय आयाम का दायित्व संभाला। वर्तमान में वे वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष हैं तथा संघ में कोलकाता उत्तर-पूर्व भाग के सह संघचालक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

निवास: कोलकाता, पश्चिम बंगाल.

Shri Atul Jog

श्री अतुल रामचंद्र जोग का जन्म 12 नवम्बर 1968 को हुआ। वे मूलतः महाराष्ट्र के निवासी हैं और वर्तमान में वनवासी कल्याण आश्रम, 35 चंचल स्मृति, वडाला, मुंबई में कार्यरत हैं। उनका ईमेल पता atuljog9@gmail.com है।

यांत्रिक अभियांत्रिकी (Mechanical Engineering) में डिप्लोमा प्राप्त करने के पश्चात उन्होंने समाजकार्य को अपना जीवन ध्येय बनाया। वर्ष 1996 में वे वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े और तब से संगठन के विविध उत्तरदायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वाह कर रहे हैं।

श्री अतुल जोग जी की विशेष रुचि जनजातीय संस्कृति के अध्ययन एवं संरक्षण में रही है, विशेषकर ईशान्य भारत के जनजातीय समाजों के जीवन, परंपरा और संस्कृति को समझने और संगठित करने के कार्य में उनका विशेष योगदान रहा है। अपनी शांत, संयमी और समर्पित कार्यशैली के माध्यम से उन्होंने संगठनात्मक कार्य को सुदृढ़ दिशा प्रदान की है।

Ramesh ji Babu

Shri Ramesh Babu

श्री रमेश बाबू पझया पुरयिल का जन्म 3 मई 1964 को केरल के कन्नूर ज़िले के तालयश्शेरी क्षेत्र के कवुंभघम ग्राम (डाकघर – उम्मेंचिरा) में हुआ। आरंभिक काल से ही सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले श्री रमेश बाबू जी वर्ष 1983 से 1986 तक केरल में प्रचारक के रूप में सक्रिय रहे। इसके पश्चात उन्होंने 16 जुलाई 1987 को वनवासी कल्याण आश्रम से पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में जुड़कर सेवा का आरंभ किया। वर्तमान में वे संगठन से जुड़े अपने 39वें वर्ष में हैं।

उन्होंने जनजातीय समाज को उनकी विशिष्ट परंपरा, आस्था और संस्कृति के आधार पर संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में वे गुवाहाटी (असम) स्थित कल्याण आश्रम असम, के. बी. रोड, पालतन बाज़ार से कार्यरत हैं। समाज के प्रति उनकी समर्पित सेवाओं और गहन संगठनात्मक दृष्टि ने अनेक जनजातीय क्षेत्रों में आत्मविश्वास और सांस्कृतिक जागरण का वातावरण निर्मित किया है।

Shri Bhagwan Sahay​

श्री भगवान सहाय शर्मा का जन्म 27 अक्टूबर 1969 को गंगापुर सिटी (राजस्थान) में हुआ।
वर्तमान में वे वनश्री, वनवासी कल्याण केंद्र, झारखंड (4-एस, वन वृंदावन कॉलोनी, करमटोली बोडेया रोड, चिरौंदी, रांची – 834009) में निवास करते हैं।
उनका ईमेल पता है bhagwanrss1969@gmail.com

उन्होंने बी.ए. की शिक्षा प्राप्त की है।
श्री भगवान सहाय शर्मा सन् 2002 से वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े हैं और पिछले 22 वर्षों से निरंतर जनजातीय समाज के बीच सेवा, संस्कार और संगठन के कार्य में सक्रिय हैं।
उनका जीवन राष्ट्रनिष्ठ भावना और समर्पित सेवा का प्रतीक है।

Rekha Nagar

Smt. Rekha Nagar​

डॉ. रेखा नागर वर्तमान में सहायक प्राध्यापक (हिंदी) के रूप में भेरूलाल पाटीदार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, महू (इंदौर) में कार्यरत हैं। उनका जन्म 1 अप्रैल 1977 को मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के राजपुर तहसील स्थित ग्राम मोयदा में हुआ। वर्तमान में वे इंदौर के 371, एन सेक्टर, सिलिकॉन सिटी में निवास करती हैं। उनसे ईमेल: drrekhanagar@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।

महाविद्यालयीन शिक्षा काल (1996) से ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ीं और आज भी अपने कार्यस्थल पर परिषद के छात्र-छात्राओं से सतत संपर्क में हैं। सत्र 2024–25 में उन्होंने विद्यार्थी परिषद महू नगर अध्यक्ष की पालक के रूप में भूमिका निभाई है। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी के तहत उन्होंने जय ओंकार भीलाला समाज संगठन, मध्य प्रदेश में 2007 से 2015 तक सक्रिय कार्यकर्ता तथा 2015 से 2021 तक प्रांत महासचिव का उत्तरदायित्व संभाला।

डॉ. रेखा नागर ने सेवा भारती के अंतर्गत 2016 से 2018 तक विभिन्न प्रकल्पों व सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाई। वर्ष 2018 से वे वनवासी कल्याण आश्रम के कार्य से जुड़ीं, जहाँ उन्होंने इंदौर ज़िला महिला आयाम प्रमुख, तत्पश्चात इंदौर महानगर प्रमुख तथा महिला आयाम, मध्य भारत प्रांत की डोली सदस्य के रूप में कार्य किया। वर्तमान में वे अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं।

शैक्षणिक रूप से उन्होंने बी.ए., एम.ए. (हिंदी साहित्य), एम.फिल. (विषय: भील एवं भीलाला जनजाति के लोकगीतों का तुलनात्मक अध्ययन), यूजीसी-नेट, सेट तथा पीएच.डी. (विषय: आंचलिक कहानी : आस्वाद के विविध आयाम) की उपाधियाँ प्राप्त की हैं।

उनकी विशेष रुचि अध्ययन, लेखन, गायन और लोककला में है। वे विद्यार्थियों को न केवल अध्यापन कार्य में मार्गदर्शन देती हैं, बल्कि विषय चयन और प्रतियोगी परीक्षाओं की दिशा में भी उन्हें प्रेरित करती हैं। उनके अनेक शोधपत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। वे जनजातीय संस्कृति और उससे जुड़ी सामाजिक समस्याओं पर निरंतर लेखन कार्य करती हैं।

उनकी पुस्तक “रानी दुर्गावती: नारी शक्ति की अनूठी मिसाल” का विमोचन सितंबर 2023 में वनवासी कल्याण आश्रम महासम्मेलन (समालखा, हरियाणा) में हुआ — जो उनके साहित्यिक और वैचारिक योगदान का प्रतीक है।

हाल ही में, 20 सितंबर 2025 को एकलव्य संकुल, वनवासी कल्याण आश्रम कार्यालय, भोपाल से एक मासिक पत्रिका “अपना संचार” का विमोचन किया गया है, जिसमें डॉ. रेखा नागर “सह-संपादक” की भूमिका निभा रही हैं। यह पत्रिका पूर्णतः जनजाति समाज से संबंधित विविध विषयों पर आधारित आलेखों का प्रकाशन करेगी, जो समाज के बौद्धिक और सांस्कृतिक उत्थान की दिशा में एक सार्थक पहल है।

Smt. Dr. Madhavi Debbarma​

डॉ. माधवी देबबर्मा का जन्म 1 मई 1966 को श्री निशिकांत देबबर्मा के परिवार में हुआ। वर्तमान में वे शालीमार बाग, नई दिल्ली में निवास करती हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नेताजी सुभाष विद्यानीकेतन से प्राप्त की तथा महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, नागपुर विश्वविद्यालय से एम.बी.बी.एस. की डिग्री हासिल की। वे दिल्ली नगर निगम में उप स्वास्थ्य अधिकारी (Deputy Health Officer, रोहिणी) के पद पर कार्यरत हैं।

वे सामाजिक कार्यों में भी अत्यंत सक्रिय हैं। पूर्वोत्तर भारत समाज की अध्यक्ष, पूर्वोत्तर टोली की सदस्य तथा वनवासी कल्याण आश्रम दिल्ली प्रांत की कार्यकारिणी सदस्य के रूप में समाजसेवा से जुड़ी हैं। वर्ष 2011 में उन्होंने “सुब्राई मिशन ट्रस्ट” की स्थापना की, जिसके माध्यम से गरीब, विधवा, वृद्ध और जरूरतमंद लोगों को सहायता, कंबल वितरण, स्वास्थ्य सेवाएँ और आर्थिक मदद प्रदान की जाती है।

ट्रस्ट के अंतर्गत उन्होंने सुब्राई मिशन कॉन्वेंट स्कूल और सुब्राई विद्या मंदिर (दमदमिया, अगरतला) की स्थापना की, जहाँ वंचित बच्चों को भारतीय मूल्य आधारित शिक्षा दी जाती है। उन्होंने त्रिपुरा के दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में अनेक निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया है तथा स्वास्थ्य, पोषण, मातृ-स्वास्थ्य और नशा मुक्ति जैसे विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए हैं।

वे युवा नेतृत्व विकास शिविरों में प्रेरक वक्ता के रूप में युवाओं को चरित्र निर्माण, कैरियर मार्गदर्शन, सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करती हैं। दिल्ली में रहकर भी वे पिछले 25 वर्षों से त्रिपुरी संस्कृति के संरक्षण हेतु गोरिया पूजा, खारची पूजा, हांगराई उत्सव आदि का आयोजन कर परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं।

Shri Parmeshwar Murmu

श्री 
श्री रामबाबू सिंगल

श्री रामबाबू सिंगल

श्री रामबाबू सिंगल, हरियाणा राज्य के हिसार नगर के निवासी हैं। आपका जन्म Tilak Bazar, श्याम नगर, हिसार में हुआ। आपने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की शिक्षा प्राप्त कर व्यावसायिक रूप से एक चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप में कार्य किया है।

आप वर्ष 2001 से अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में संगठन के एक सक्रिय सदस्य के रूप में निरंतर कार्य कर रहे हैं। समाजसेवा के क्षेत्र में आपकी निष्ठा और योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। ईमेल: rambabusinlal@gmail.com

आपका पता – मकान नं. 73/A, नियर तिलक बाजार, श्याम नगर, हिसार (हरियाणा) – 125001 है।

श्री शांताराम सिद्धी

श्री शांताराम सिद्धी का जन्म 5 अक्तूबर 1962 को कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ ज़िले के येल्लापुर तालुका अंतर्गत पुरलेमने ग्राम में हुआ। प्रारंभिक जीवन में उन्होंने अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं से प्रेरणा प्राप्त की, जिनमें श्री प्रकाश कामत और श्रीमती निर्मला गावंकर का विशेष उल्लेखनीय योगदान रहा। श्री कामत द्वारा पूछे गए एक प्रश्न — “आप अपने लिए सुख-सुविधा प्राप्त कर सकते हैं, पर अपने सिद्धी समाज के लिए क्या करेंगे?” — ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।

इस प्रेरणा से उन्होंने 1989 में वनवासी कल्याण आश्रम से स्वयंसेवक के रूप में जुड़कर समाजसेवा का मार्ग अपनाया। प्रारंभ में वे छात्रावास अधीक्षक के रूप में कार्यरत रहे और वर्तमान में कल्याण आश्रम, कर्नाटक के राज्य सचिव के रूप में सेवा दे रहे हैं। उन्होंने न केवल सिद्धी समाज के उत्थान के लिए, बल्कि सम्पूर्ण कर्नाटक के जनजातीय समाजों के संगठन, शिक्षा और सांस्कृतिक जागरण हेतु उल्लेखनीय कार्य किया है।

श्री शांताराम सिद्धी पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अनेक आंदोलनों से भी सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं, जिनमें बेड़ती नदी घाटी संरक्षण आंदोलन, अप्पिको आंदोलन तथा वृक्ष-लक्ष आंदोलन प्रमुख हैं। वे कर्नाटक सरकार द्वारा गठित पश्चिमी घाट संरक्षण टास्क फोर्स तथा कर्नाटक कोंकणी साहित्य अकादमी के सदस्य भी रहे हैं। अपने समर्पण, संगठन कौशल और पर्यावरणीय चेतना के माध्यम से उन्होंने समाज में प्रेरक भूमिका निभाई है।

Shri Somayajalu

श्री 
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