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वनवासी कल्याण आश्रम जिसकी स्थानपना 26 दिसंबर 1952 में स्वo बाला साहेब देशपांडे (रमाकांत केशव देशपांडे ) द्वारा वर्तमान छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर में हुई थी, जिसका ध्येय जनजाति समाज का विकास व बाकी देशवासियो के बीच सामाजिक, शैक्षणिक अंतर को समाप्त करना है और समरसता निर्माण करना है जिससे जनजाति बंधुओ के बीच मातृभूमि के प्रति समर्पण, निष्ठा व स्वीकार्यता का भाव पैदा हो सके।
इन जनजाति बंधुओ के बीच जाकर इनके स्वधर्म व स्वाभिमान संरक्षण का कार्य भी अ. भा. वनवासी कल्याण आश्रम का कार्य अलग – अलग राज्यों में 35 पंजीकृत संस्थाओ के द्वारा अलग-अलग नाम से चलता है।
उत्तराखण्ड और पश्चिमी उत्तरप्रदेश में यह कार्य सेवा प्रकल्प संस्थान द्वारा किया जाता है।
सेवा प्रकल्प संस्थान 1980 में पंजीकृत संस्था है जिसे स्वo तिलक राज कपूर जी द्वारा स्थापित किया गया जो उत्तराखंड की 5 जनजातियों की बीच 5 जिलों में अनेक प्रकार की गतिविधियां जैसे शिक्षा खेलकूद, चिकित्सा, स्वावलंवन की गतिविधियां चलाकर जनजाति समाज के बीच स्वाभिमान जागरण का कार्य कर रहा है।
Projects at A Glance
Hostels
0
Students
0
Education Centers
0
Beneficiaries
0
Medical
0
Beneficiaries
0
Economic Development
0
Beneficiaries
0