कौन आदि है, सब अनादि है
कौन आदि है, सब अनादी हम सब भारतवासी है । पुरखे सब के खून एक है, नगर ग्राम वनवासी है। […]
कौन आदि है, सब अनादी हम सब भारतवासी है । पुरखे सब के खून एक है, नगर ग्राम वनवासी है। […]
तरूणाई का नूतन जागर सूर्य तेज सा छाया युवजन जागे भारत जागा, धरती अंबर जागा ।। धृ.।। भरत भूमि पर