शारदे वर दें ! हमें करुणामयी आशिष दे
शारदे वर दे ! हमें करूणामयी आशिष दे। भवबन्ध के मुक्ति मिले माता हमें तू ज्ञान दे ।।धृ.।। हंसासिनी पद्मासिनी […]
शारदे वर दे ! हमें करूणामयी आशिष दे। भवबन्ध के मुक्ति मिले माता हमें तू ज्ञान दे ।।धृ.।। हंसासिनी पद्मासिनी […]
भारत बसता है गाँवों में, चले आज हम गाँव चले आज हम गाँव-गाँव में, चले आज हम गाँव ||ध्रु.|| विशाल
वनवासी वीरों की गाथा आज सभी को सुनाएं गौरवपूर्ण अतित है अपना स्वाभिमान से गायें ।। धृ.।। हल्दी घाटी में
ऐक्य बोध हो , ऐक्य बोध हो ! हम-तुम यह भेद मिटे, सारे अलगाव हटे,ऐक्य बोध हो(2) भ्रातृभाव आधारित समरसता
नगर ग्राम वन के हृदयों में अपनेपन का भावजागरण ॥ धृ॥ एक हमारा धर्म सनातन एक संस्कृति उच्च धरोहर एक
हिन्दू विचार का हो, सम्यक् समूह मंथन निज कार्य का करें हम, समयानुकूल चिंतन ।। धृ।। चिंतन परम्परा का, ये
संकल्प करें! कृतिशील बने समयदान हो, धर्मकार्य में , शक्तिपुंज हम, वीरव्रती हम अनथक अविरत कार्य करें ।। धृ।। अमृतपुत्र
हे पुरूषार्थि ! कर्मयोगी हे ! प्रेरक तुम सब के, प्रेरक तुम सब के ।। धृ.।। इस भूमि के संस्कारों
मेरे वनवासी है महान (2) जो देश धर्म संस्कृति रक्षक मूर्त रूप में स्वाभिमान मेरे वनवासी है महान । धृ.।।
कार्य करें वह कार्यकर्ता कर्म बड़ा ही महान है (2)।। धृ.।। कथनी का अपना महत्व है करनी फिर भी सदा