बारह राणा स्मारक समिति द्वारा जनजाति गौरव दिवस
बारह राणा स्मारक समिति द्वारा जनजाति गौरव दिवस अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से सम्बद्ध सेवा प्रकल्प सस्थान एव बारह […]
बारह राणा स्मारक समिति द्वारा जनजाति गौरव दिवस अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से सम्बद्ध सेवा प्रकल्प सस्थान एव बारह […]
हमारे जनजाति बन्धु के वास्तविक जीवन को जानना है तो सुदूर वन-पर्वतों के ग्रामीण क्षेत्र में परिवारों के साथ रहना
पिछले दिनों मध्य प्रदेश के देवास जिले में भील समाज की एक बैठक का आयोजन हुआ। उसके सूचनापत्र में उल्लेख
झारखण्ड के तपकारा (जिला-खूंटी, विकासखण्ड-तोरपा) में श्री हरि वनवासी विकास समिति द्वारा संचालित बिरसा शिशु मंदिर-तपकारा का पूर्व छात्र सोहन
संत राजमोहिनी देवी का जन्म तत्कालिन मध्यप्रदेश, वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिला अन्तर्गत सन्ना खुड़िया क्षेत्र के मरंगी
जनजति समाज के परंपरागत धर्म संस्कृति, भारत की सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग है। वेदों में वर्णित इस जीवन पद्धति
संताली भाषा भारत की पुरातन भाषाओं में से एक और संताल परगणा में बोली जानेवाली जनजाति भाषा है। वैसे ये
गुवाहाटी नार्थ इस्ट का प्रवेशव्दार है। गुवा का असमिया में अर्थ होता है सुपारी और हाट याने बाजार। यहाँ का
मांदल की थाप पर नृत्य परम्परागत रूप में गीत गाने, वाद्य बजाने करम देव की पूजा जनजाति समाज प्रकृति पूजक
उत्तराखण्ड के खटीमा प्रखंड के कंजाबाग मे कुलदीप सिंह के घर पर वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ताओं द्वारा हनुमान चालिसा