00:00 अब जागो……जागो रे जागो वनवासी जन जन जिनकी पुजा करतॆ चरैवेति चरैवेति यही तो मंत्र है अपना दूर दूर गॉंवों में जाएं वनबन्धु को मिलाने जग उठा वनवासी अब तो, जग उठा वनवासी वनवासी का संगठन कर ध्येय मार्ग पर चलते वैभवशाली भारत के हम स्वप्न देखती महिलाएं धरती माता कितनी अच्छी आनंद भरें सबके जीवन में , जीवन के दिन चार खेल खिलाड़ी खेल No posts found अब जागो……जागो रे जागो वनवासी जन जन जिनकी पुजा करतॆ चरैवेति चरैवेति यही तो मंत्र है अपना दूर दूर गॉंवों में जाएं वनबन्धु को मिलाने जग उठा वनवासी अब तो, जग उठा वनवासी वनवासी का संगठन कर ध्येय मार्ग पर चलते वैभवशाली भारत के हम स्वप्न देखती महिलाएं धरती माता कितनी अच्छी आनंद भरें सबके जीवन में , जीवन के दिन चार खेल खिलाड़ी खेल शारदे वर दें ! हमें करुणामयी आशिष दे भारत बसता है गावों में, चले आज हम गाँव वनवासी वीरों की गाथा, आज सभी को सुनाएँ। एक्य बोध हो ! एक्य बोध हो ! नगर ग्राम वन के हृदयों में अपनेपन का भावजागरण हिन्दू विचार का हो सम्यक् समूह मंथन संकल्प करें कृतीशील बने हे पुरूषार्थि ! कर्मयोगी हे ! प्रेरक तुम सब के, प्रेरक तुम सब के मेरे वनवासी है महान कार्य करें वह कार्यकर्ता कौन आदि है, सब अनादि है तरूणाई का नूतन जागर सूर्य तेज सा छाया No posts found